23 December 2024

BPSC (Bihar Public Service Commission) Success Story: स्मिता नामक एक युवती ने पहले ही प्रयास में BPSC की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।

स्मिता ने अपने सफलता की कहानी में यह बताया कि वह अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत मेहनत करती थी। उन्होंने अपनी पढ़ाई को सजीव बनाया और रोज़ अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाती रही। स्मिता ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ दरोगा की ट्रेनिंग भी की, जो उसके सफलता के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण बना। वह एक दरोगा की पदस्थापना प्राप्त करने में सफल रही है और यह उसकी मेहनत, संघर्ष और संवाद क्षमता का परिणाम है।

BPSC 67वीं परीक्षा का परिणाम घोषित हो गया है: इस परीक्षा में 799 अभ्यर्थी सफलता प्राप्त कर चुके हैं। इनमें से एक सफल अभ्यर्थी हैं स्मिता वर्मा, जो गया शहर के माडनपुर मोहल्ले में निवास करती हैं। स्मिता वर्मा ने इस परीक्षा में 709वीं रैंक हासिल की है और उनका चयन आरडीओ (राजस्व विभागीय अधिकारी) के पद पर हुआ है।

स्मिता वर्मा की सफलता की कहानी उनकी समर्पण और मेहनत का सबूत है। वह गया शहर के छोटे से इलाके से हैं, और उन्होंने अपनी करियर में इस महत्वपूर्ण मील का पत्थर रखा है। उनकी 709वीं रैंक उनके उत्कृष्टता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, और उनका आरडीओ के पद पर चयन एक सम्मानजनक प्राप्ति है।

स्मिता ने यह सफलता पहले प्रयास में हासिल की है, और इससे पहले, 2022 में, उन्होंने दरोगा की परीक्षा पास की थी और वे अब राजगीर में ट्रेनिंग ले रही हैं। इस आदर्श द्वितीयक और निरंतरता की उपलब्धि से स्पष्ट होता है कि स्मिता एक प्रतिबद्ध और मेहनती अभ्यर्थी हैं।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि BPSC 67वीं बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित पीटी परीक्षा में लगभग 4 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिसमें से केवल 11607 अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा के लिए सफल हो सके।

इन्होंने अपनी शिक्षा की शुरुआती जीवन में गया से की थी। उन्होंने अपनी मैट्रिक की पढ़ाई नवस्थापित हाई स्कूल से की, इंटरमीडिएट की पढ़ाई गया कॉलेज से की और ग्रेजुएशन भी इवनिंग कॉलेज से पूरी की। जिन्होंने दरोगा के पद के लिए चयन प्राप्त किया है, वे फिर भी लगातार पढ़ाई करते रहे हैं। ट्रेनिंग के बाद भी, वे रोजाना 5 से 6 घंटे तक पढ़ाई करने में जुटी रहीं।

उनकी सफलता के साथ, उनके घर में खुशी का माहौल है, और गया और उनके गांव के लोग इन्हें बधाई देने के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। इन्होंने अपने प्रयासों और मेहनत के बल पर इस महत्वपूर्ण प्रमोटन को प्राप्त किया है, जिससे वह और भी प्रेरित हो गई हैं और उनके समर्पण को सलामी दी जा रही है।