23 December 2024

भूकंप: नेपाल में आए भूकंप से भीषण तबाही, मरने वालों की संख्या 150 पहुंची, एक डिप्टी मेयर की भी मौत

नेपाल में भूकंप ने जमकर कहर बरपाया है। इस भूकंप के कारण कई लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य घायल हो गए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन विभाग द्वारा चलाया जा रहा है। कई इमारतों में काफी नुकसान हुआ है और लोग डरे हुए हैं।

नेपाल में बीती रात को हुए भूकंप ने भारी हानि का कारण बना है। नेपाल पुलिस की जानकारी के मुताबिक, अब तक 150 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें जाजरकोट में 92 लोगों की मौत और रूकुम में 37 लोगों की मौत शामिल है। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की निगरानी के लिए अपने हेलिकॉप्टर से रूकुम और जाजरकोट की तरफ जाने वाले हैं।

इस भूकंप के कारण डिप्टी मेयर सरिता सिंह की भी मौत हो गई है।

भारत में भी तेज झटके के दौरान कई इलाकों में भूकंप का असर महसूस किया गया था, जैसे दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि। रात के 11.32 मिनट पर, उत्तर भारत के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप का केंद्र नेपाल में था और यह जमीन से 10 किलोमीटर नीचे था।

इस भूकंप की तीव्रता 6.4 रिक्टर स्केल पर आंकी गई थी। लखनऊ, पटना, और देश के कई अन्य इलाकों में, लोग भूकंप के झटकों के बाद अपने घरों से बाहर निकल आए थे।

वास्तव में, हमारी पृथ्वी प्रमुख रूप से चार शीलों से मिलकर बनी हुई है। इनको आउटर कोर, इनर कोर, मैंटल, और क्रस्ट के रूप में पुकारा जाता है। क्रस्ट और ऊपरी मैंटल को आमतौर पर लिथोस्फियर कहा जाता है। ये प्रतिष्ठानें लगभग 50 किलोमीटर मोटी होती हैं, और इन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स के रूप में जाना जाता है। ये टेक्टोनिक प्लेट्स नियमित रूप से अपनी स्थिति से हिलती, घूमती, और खिसकती रहती हैं।

इन प्लेटों के बीच मामूली रूप से हर साल लगभग 4-5 मिमी तक खिसकने की आदत होती है। इन प्लेटों की स्पष्ट स्थिति और उनकी साथी दिशाओं में चलने की क्षमता होती है, और इस प्रक्रिया के तहत कभी-कभी एक प्लेट दूसरी प्लेट के पास आती है और कभी दूर हो जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान, कभी-कभी इन प्लेटों के बीच मिलने और टकराने की स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं। इस प्रकार, भूकंप का प्रकट होने का कारण बनता है और पृथ्वी हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से लगभग 30-50 किलोमीटर नीचे स्थित होती हैं।

अचानक आ जाने पर भूकंप के समय, बेहतर है कि आप खुले में घर से बाहर निकलें। अगर आप अपने घर में फंसे हों, तो बेड या मजबूत टेबल के नीचे छिप जाएं। आप अपने घर के किसी कोने में भी खड़े होकर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। यदि भूकंप के समय है तो लिफ्ट का उपयोग न करें।

खुले स्थान में जाने का प्रयास करें और पेड़ों और बिजली की लाइनों से दूर रहने का प्रयास करें। इसके अलावा, भूकंप से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए भूकंप रोधी बिल्डिंग का उपयोग करना भी महत्वपूर्ण होता है। यह विशेष रूप से महंगा नहीं होता है, लेकिन इसके बावजूद लोगों के बीच इसके प्रति जागरूकता की कमी के कारण अक्सर इसे अनदेखा कर देते हैं।