राज्य सरकार के काम के क्रेडिट को किसी विशेष दल के आधिकार में जाने के बाद, मुख्यमंत्री का विरोध के बाद अब सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव एक मंच पर आए हैं। वे अब बीपीएससी के माध्यम से चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया में जुटे हैं।
बिहार लोक सेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल होकर शिक्षक बने अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत गांधी मैदान में मंच पर उपस्थित मंत्रियों ने नियुक्ति पत्र बांटे। सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना की पूनम कुमारी को नियुक्ति पत्र दिया। इसके बाद अर्चना कुमारी, रवीशा सिंह, रीता कुमारी, कुमारी कुमकुम को भी नियुक्ति पत्र दिया गया। प्रारंभिक पांच नियुक्तियाँ महिला शिक्षिकाओं को प्रदान की गई।
एक ओर राज्य सरकार गांधी मैदान में एक बड़े समारोह का आयोजन कर रही है ताकि शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जा सके, वहीं दूसरी ओर राजद और जदयू इस नियुक्ति प्रक्रिया का क्रेडिट लेने में लगे हुए हैं। पिछले दिनों से सोशल मीडिया पर पोस्टर के माध्यम से दिखाया जा रहा है कि शिक्षकों को नियुक्ति देने का काम राजद पार्टी और तेजस्वी यादव के कारण हो रहा है, जिसके कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह कहना पड़ा कि क्रेडिट राज्य सरकार को देना चाहिए, अपनी पार्टी को नहीं। इसी मुद्दे के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ बातें कही हैं।
जापान के दौरे से पटना वापस आने के बाद, तेजस्वी यादव ने गुरुवार को सीएम के उद्घाटन कार्यक्रम के बाद भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के कार्यक्रम में भाग लिया। बिहार लोक सेवा आयोग ने लिखित परीक्षा के माध्यम से 1 लाख 20 हजार 336 शिक्षकों का चयन किया है, और इसमें से 25 हजार शिक्षकों को पटना के गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है। बाकी शिक्षकों को अन्य जिलों में प्रभारी मंत्रियों द्वारा दिया जा रहा है। इस उपलब्धि के मौके पर वित्त मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा दी गई दस लाख नौकरियों के लिए एक अंश निभाने का संकेत दिया है, और वही अंश आज गांधी मैदान में पूरा किया जा रहा है।
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