67वीं बीपीएससी के परिणामों के आगमन के साथ ही समाचार में चर्चा हो रही है। इस परिणाम में 799 परीक्षार्थियों को सफल घोषित किया गया है, और इनमें से एक है मधेपुरा की रहने वाली अंजू कुमारी, जिनका 71वां रैंक है और वह एसडीएम बन चुकी हैं। अंजू ने अपनी सफलता के लिए माता-पिता और गुरुजनों के साथ अपने तीसरे प्रयास का समर्थन किया है। यह पहले उनके चयन ऑडिटर के पद के लिए हुआ था, और वह अब ट्रेनिंग कर रही हैं।
अंजू एक साधारण किसान परिवार से आई हैं और उनके परिवार में 6 भाई-बहन हैं, जिनमें अंजू सबसे बड़ी हैं। उनके परिवार में किसी ने पहली बार इस तरह के बड़े पद पर सफलता प्राप्त की है। अंजू ने बताया कि जब रिजल्ट घोषित हुआ, तो उनके पिता जयकांत यादव बहुत खुश थे, लेकिन उनके पास शब्द नहीं थे जो उनकी खुशी को व्यक्त कर सकते। वहीं, उनकी मां अनुराधा देवी ने बधाई देने के साथ ही भगवान के पूजा पाठ में लग गईं।
अंजू ने बीपीएससी की परीक्षा में तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने मेंस और फिर इंटरव्यू में सफलता प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि यह उनका तीसरा प्रयास था, जिसमें उन्होंने 71वां रैंक हासिल किया है। उन्होंने अपनी पढ़ाई के बारे में बताया कि वे रोजाना 6 से 8 घंटे तक पढ़ाई करती थी, थोड़ी सी राहत के साथ। उन्होंने अपने तैयारी के लिए स्वयं ही स्टडी मेटेरियल तैयार किया था।
अंजू, जो मधेपुरा के भिरखी, सुखासन रोड़, वार्ड नंबर 26 में रहती हैं, एक बहुत ही सामान्य परिवार से आती हैं। उनके पिता किसान हैं और माता गृहणी हैं। अंजू ने बताया कि उनका अगला लक्ष्य यूपीएससी है, और इस दिशा में वह तैयारी कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वे पिछले कई सालों से यूपीएससी की तैयारी में जुटी हुई हैं। उन्होंने नए परीक्षार्थियों को सलाह देते हुए कहा कि वे मन से पढ़ाई करें और सफलता ज़रूर पाएं, चाहे जितनी देर भी लगे।
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